महर्षि भरद्वाज वेद विद्या समिति द्वारा केसर भवन में वेद पूजन महोत्सव भव्यता के साथ मनाया गया। वि.हि.प. के पूर्व अध्यक्ष श्रद्धेय अशोक सिंघल जी का जन्मदिवस भारतीय तिथि अनुसार आश्विन कृष्ण पञ्चमी को विगत 12 वर्षों की भॉंति इस वर्ष भी वेद पूजन महोत्सव के रूप में आयोजित किया गया। वि.हि.प. द्वारा संचालित महर्षि भरद्वाज वेद विद्यालय, केसर भवन एवं महर्षि भरद्वाज वेद वेदाङ्ग शिक्षण केन्द्र,महावीर भवन के वैदिक बटुकों ने सस्वर वेद मंत्रों का पारायण कर सभी को मुग्ध किया। कार्यक्रम का मूल उद्देश्य वेदों की समसामयिकता से समाज को अवगत कराना है।
प्रो. हृदयरञ्जन शर्मा जी एवं वेदमूर्ती राजाराम घूले जी को वेद मार्तण्ड सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान प्रतिवर्ष वेद के परम्परागत मूर्धन्य विद्वानों को प्रदान किया जाता है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व वेद विभागाध्यक्ष प्रो.हृदयरञ्जन शर्मा जी ने वेदों के विज्ञान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अशोक सिंघल जी बानरस हिन्दू विश्वविद्यालय में वेद विज्ञान संस्थान चाहते थे, जिस में विश्व की प्रत्येक विधा का वेदविषयक शोध हो। प्रो. शर्मा ने इंग्लैण्ड के न्यायालय द्वारा स्वीकृत अन्त्येटि संस्कार का आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व भी विशेष वैदिक प्रमाणों के साथ प्रतिपादित किया।
विशिष्ट अतिथि मुकेश जी (काशी प्रान्त संगठन मंत्री, वि.हि.प.) ने परिषद् के आयामों के बारे में बताते हुए वेद विद्यालय की आवश्यकता एवं उद्देश्य को बताया। कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि मेडिकल एसोसिएसन के उपाध्यक्ष डॉ अशोक अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में समाज के प्रत्येक वर्ग को वेदों व वेद विद्यालयों की रक्षा हेतु आगे आने का आवाहन करते हुए कहा कि पहले बहुत से गुरूकुल हुआ करते थे जो कि आज के समय में बहुत ही सीमित रह गये है, जिन्हें बढ़ाने एवं उसके प्रति समाज को तत्पर होने की आवश्यकता है। पूज्य शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द जी ने आशीर्वीद देते हुए कहा कि सम्पूर्ण समाज वैदिक शिक्षा की रक्षा करे, जिससे सम्पूर्ण समाज की रक्षा होगी। समिति के मंत्री हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव जी ने अतिथियों का वाचिक स्वागत किया एवं वेद विद्यालयों के उद्देश्य से सभी अतिथियों को अवगत कराया ।
समिति के अध्यक्ष डॉ आर.एन.मिश्र ने अपने समाज को वेदविद्यालयों का सहयोग करने हेतु आग्रह किया। कार्यक्रम संयोजक सुधीर गुप्ता ने सभी मंचस्थ अतिथियों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन आचार्य पङ्कज शर्मा ने किया । कार्यक्रम में विशेष रुप से आचार्य सुनील शर्मा, आचार्य सुशील पाण्डेय, आ.मोहित पाण्डेय, आ.अमित शुक्ल,आ.दीपक अवस्थी, आ.राकेश श्रीवास्तव, सुनील सिंह, सुरेन्द्र शुक्ल, अरविन्द मिश्र, नितिन अग्रवाल, अमित पाठक, रमेश श्रीवास्तव, आशुतोष, विशाल वर्मा, नवीन जायसवाल आदि उपस्थित रहे।